नई दिल्ली ( पुनीत माथुर) बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने ट्वीट कर बताया की भगोड़े कारोबारियों विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की 9,371.17 करोड़ रुपये की संपत्ति सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और केंद्र सरकार को हस्तांतरित कर दी गई है. 

ईडी ने कहा ''प्रवर्तन निदेशालय ने PMLA के तहत विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के मामले में न केवल 18,170.02 करोड़ रुपये (बैंकों को हुए कुल नुकसान का 80.45%) की संपत्ति जब्त की, बल्कि 9371.17 करोड़ रुपये की कुर्की/जब्त संपत्ति का एक हिस्सा भी PSB और केंद्र सरकार को ट्रांसफर किया.

ईडी ने कहा कि डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल ने यूनाइटेड ब्रेवरीज लिमिटेड के 5,800 करोड़ रुपये से अधिक के शेयर बेचे हैं. जिन्हें पहले माल्या के खिलाफ जांच के तहत प्रिवेंशन ऑफ़ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत कुर्क किया गया था.



ईडी ने कहा कि उसने मुंबई में एक विशेष अदालत के आदेश के अनुसार 6,600 करोड़ रुपये के कुर्क शेयरों को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम को हस्तांतरित किया था. धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना करने के लिए भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ कानूनी लड़ाई हारने के बाद माल्या ब्रिटेन में जमानत पर हैं.

माल्या ने बार-बार अपने खिलाफ लगे आरोपों से इनकार किया है और किंगफिशर एयरलाइंस द्वारा उधार ली गई राशि का 100 फीसदी रकम वापस करने की पेशकश की है, लेकिन बैंकों और प्रवर्तन निदेशालय ने इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया है.

यूके में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने भी मुकदमे का सामना करने के लिए मोदी को भारत प्रत्यर्पित करने की मंजूरी दे दी है. भगोड़े हीरा व्यापारी पर पंजाब नेशनल बैंक से 13,000 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी करने का आरोप है. उन्हें 19 मार्च, 2019 को गिरफ्तार किया गया था वह लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में बंद था.

इस बीच चोकसी के मामले में डोमिनिका की एक अदालत में कानूनी कार्यवाही चल रही है, जहां उसे 24 मई को अवैध प्रवेश के लिए गिरफ्तार किया गया था. चोकसी को उसके परिवार ने 23 मई को एंटीगुआ और बारबुडा से लापता होने की सूचना दी थी.



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