नई दिल्ली : पुनीत माथुर। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को मतदान संपन्न हो गया। सभी 70 सीटों पर औसतन 55 प्रतिशत मतदान हुआ है। हालांकि मतदान के अंतिम आंकड़ों में एक-आध प्रतिशत की घट-बढ़ हो सकती है, क्योंकि मतदान खत्म होने की समय सीमा शाम छह बजे तक थी।
कई मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लंबी कतारें लगी थीं। छिटपुट घटनाओं को छोड़कर मतदान शांतिपूर्ण रहा। वर्ष 2015 के चुनाव में 67.12 प्रतिशत मतदान हुआ था। दिल्ली में वर्ष 1993 के बाद से विधानसभा का यह सातवां चुनाव है। वर्ष 1993 में 61.75 प्रतिशत मतदान हुआ था।
विधानसभा की 70 सीटों में से सबसे अधिक मतदान (68.50) मटियामहल क्षेत्र में हुआ है, जबकि सबसे कम (37.50 प्रतिशत) शकूरबस्ती में हुआ है।
इसी के साथ सभी 70 सीटों पर कुल 672 उम्मीदवारों का भाग्य ईवीएम में कैद हो गया है। मतगणना 11 फरवरी को होगी और नतीजे भी उसी दिन दोपहर तक आ जाएंगे।
नई दिल्ली सीट पर सबसे ज्यादा 28 उम्मीदवार चुनावी किस्मत आजमा रहे हैं, जबकि सबसे कम चार उम्मीदवार पटेलनगर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं बुराड़ी सीट पर 22 और करावलनगर सीट पर 18 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।
इस बार मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप), भाजपा और कांग्रेस के बीच माना जा रहा है। आप ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को नई दिल्ली सीट से चुनाव मैदान में उतारा है। उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया आप उम्मीदवार के रूप में पटपड़गंज सीट से चुनावी किस्मत आजमा रहे हैं।
ओखला विधानसभा क्षेत्र के शाहीनबाग इलाके में मतदान केंद्रों पर लोग मतदान करने के लिए भारी संख्या में उमड़े। बीते 15 दिसम्बर से यहां नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में प्रदर्शन चल रहा है। चुनाव प्रचार के दौरान प्रदर्शन स्थल पर काफी बयानबाजी भी हुई थी।
शाहीनबाग में पांच पोलिंग बूथ बनाये गए। यहां महिलाएं अलग-अलग जत्थों में वोट डालने पहुंची ताकि विरोध-प्रदर्शन पर मतदान का असर न पड़े।
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