ग़ाज़ियाबाद : दिनेश जमदग्नि। विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष नंद किशोर कलाल को जन सुनवाई के दौरान लगातार यह शिकायतें प्राप्त हो रही थीं कि कई निजी विकासकर्ताओं द्वारा एलआईजी और ईडब्ल्यूएस श्रेणी के भवनों का कब्जा समय पर नहीं दिया जा रहा है। इस गंभीर मुद्दे पर त्वरित संज्ञान लेते हुए जीडीए उपाध्यक्ष ने प्राधिकरण सचिव राजेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में छह सदस्यीय समिति का गठन किया है, जिसका उद्देश्य ऐसे सभी निजी विकासकर्ताओं की पहचान कर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करना है।
इसी क्रम में सचिव राजेश कुमार सिंह ने शुक्रवार देरशाम अधीनस्थ अधिकारियों के साथ विस्तृत बैठक की, जिसमें सभी जोन अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में उन निजी विकासकर्ताओं की सूची तैयार करें जो एलआईजी/ईडब्ल्यूएस भवनों का कब्जा देने में अनावश्यक देरी कर रहे हैं। साथ ही यह भी स्पष्ट निर्देश दिए गए कि इस संबंध में एक सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए, ताकि पूरे मामले की निगरानी कर आवश्यक कार्यवाही तय की जा सके। सचिव ने यह भी कहा कि इस प्रक्रिया की कड़ाई से मॉनिटरिंग की जाएगी ताकि आवंटियों को अनावश्यक इंतजार न करना पड़े।
केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार प्रत्येक निजी प्रोजेक्ट में एलआईजी/ईडब्ल्यूएस श्रेणी के फ्लैटों का समय पर निर्माण और कब्जा सौंपना अनिवार्य है। हाल के समय में कई बिल्डरों द्वारा कब्जा देने में देरी की शिकायतें बढ़ी हैं, जो नियमों के विपरीत है और कमजोर वर्ग के आवंटियों के हितों को प्रभावित करता है। इसी को ध्यान में रखते हुए जीडीए ने जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए यह सख्त कदम उठाया है।
जीडीए शहर में नियोजित विकास, अवैध निर्माण पर रोक, और होमबायर्स के हितों की संरक्षण हेतु लगातार प्रभावी कदम उठा रहा है। एलआईजी/ईडब्ल्यूएस श्रेणी के आवास सामाजिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। इसलिए प्राधिकरण ने साफ किया है कि देरी के दोषी पाए जाने पर निजी विकासकर्ताओं के विरुद्ध प्रोजेक्ट अनुमोदन रोकने, कंप्लीशन सर्टिफिकेट न जारी करने, या अन्य प्रशासनिक कार्रवाई करने से भी परहेज़ नहीं किया जाएगा।





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