ग़ाज़ियाबाद : बृजेश श्रीवास्तव। ग़ाज़ियाबाद के राजनगर एक्सटेंशन में सौंदर्यीकरण के नाम पर हरे-भरे पेड़ों की बेरहमी से कटाई का मामला सामने आया है। मिलन अर्थ सोसायटी की मार्केट के सामने लगे पेड़ों को काटा जा रहा है, जिससे स्थानीय निवासियों में रोष व्याप्त है। पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि यह कदम न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि क्षेत्र की हरियाली और जैव विविधता को भी खतरे में डाल रहा है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, ये पेड़ क्षेत्र की शोभा बढ़ा रहे थे और प्रदूषण नियंत्रण में भी मददगार थे। लेकिन सौंदर्यीकरण के नाम पर इन पेड़ों को बिना किसी ठोस योजना या वैकल्पिक वृक्षारोपण के काटा जा रहा है। एक स्थानीय निवासी ने कहा, "यह विडंबना है कि सौंदर्यीकरण के नाम पर प्रकृति का विनाश किया जा रहा है।"
पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि पेड़ों की अंधाधुंध कटाई से क्षेत्र में गर्मी बढ़ेगी और वायु प्रदूषण का स्तर भी ऊंचा हो सकता है। उन्होंने मांग की है कि वन विभाग तुरंत हस्तक्षेप करे और अवैध कटाई पर रोक लगाए। साथ ही, काटे गए पेड़ों की भरपाई के लिए बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण की योजना बनाई जाए।
सामाजिक मीडिया पर भी इस मुद्दे को लेकर गुस्सा देखा जा रहा है। एक ट्वीट में लिखा गया, "वन विभाग के अधिकारी कब जागेंगे? प्रकृति को बचाने के लिए तुरंत कार्रवाई हो!" गाजियाबाद विकास प्राधिकरण और वन विभाग से इस मामले में तत्काल जवाब और कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है।
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