नई दिल्ली : पुनीत माथुर. उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता जितिन प्रसाद भाजपा में शामिल हो गए हैं. उनको केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल ने भाजपा में शामिल करवाया।
जितिन प्रसाद कांग्रेेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बेहद करीबी मानें जाते रहे हैं. इससे पहले राहुल एक और करीबी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी कांग्रेस का साथ छोड़ कर भाजपा का दामन थाम लिया था.
उत्तर प्रदेश अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं ऐसे में जितिन प्रसाद भाजपा में शामिल होना कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है।. हालांकि, इससे पहले 2019 में भी जितिन प्रसाद के पार्टी छोड़ने की अटकलें लगाई गई थीं लेकिन तब ऐसा नहीं हुआ था. यूपी में कांग्रेस के सीनियर नेताओं में से एक जितिन प्रसाद का बीजेपी जॉइन करना प्रदेश में अगले साल होने वाले चुनावों के लिहाज से अहम हो सकता है.
जानिए कौन हैं जितिन प्रसाद
जितिन प्रसाद, कांग्रेस के दिग्गज नेता जितेंद्र प्रसाद के बेटे हैं. जितेंद्र प्रसाद दो प्रधानमंत्रियों (राजीव गांधी और पीवी नरसिम्हाराव) के राजनीतिक सलाहकार थे. 2000 में जितेंद्र प्रसाद ने कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव सोनिया गांधी के खिलाफ लड़े थे, लेकिन लेकिन वह हार गए थे। 2001 में जितेंद्र प्रसाद का निधन हो गया.
पिता जितेंद्र प्रसाद के निधन के बाद उनकी राजनीतिक विरासत को जितिन प्रसाद ने संभाला। 2001 में वह इंडियन यूथ कांग्रेस से जुड़ गए। 2004 में जितिन प्रसाद शाहजहांपुर सीट से जीतकर पहली बार लोकसभा पहुंचे थे। यूपीए-1 की सरकार में जितिन प्रसाद को केंद्रीय मंत्री बना दिया गया। वह मंत्री बनने वाले सबसे युवा चेहरों में से एक थे.
2009 में जितिन प्रसाद, धौरहरा लोकसभा सीट से लड़े और जीते. यूपीए-2 में जितिन प्रसाद को पेट्रोलियम और सड़क-परिवहन जैसे अहम मंत्रालय की बतौर राज्य मंत्री जिम्मेदारी मिली थी. 2014 का चुनाव जितिन प्रसाद हार गए. इसके बाद से ही जितिन प्रसाद के राजनीतिक सितारे गर्दिश में चल रहे थे.
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