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नई दिल्ली : पुनीत माथुर। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को आम बजट पेश किया। कोरोना काल के इस बजट को लेकर लोगों को काफी उम्मीद थी खास कर मिडिल क्लास इससे बहुत उम्मीदें लगाए हुआ था लेकिन उसके हाथ सिर्फ निराशा लगी। बजट में मिडिल क्लास खाली हाथ ही रहा।

टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं

सरकार ने इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया, न ही कोई छूट दी। हालांकि, किफायती घर खरीदने वालों को ब्याज में 1.5 लाख रुपए की एक्स्ट्रा छूट का समय एक साल बढ़ाकर मार्च 2022 तक कर दिया। वहीं 75 साल से ज्यादा उम्र वाले पेंशनर्स को इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से छूट भी दी है।

कोरोना वैक्सीन के लिए 35000 करोड़ का ऐलान

2021-22 के लिए आम बजट प्रस्तुत करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि मैंने 2021-22 के लिए कोविड-19 टीकों के वास्ते 35,000 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा है। मैं जरूरत पड़ने पर और धन देने की प्रतिबद्धता जताती हूं। उन्होंने कहा कि भारत पहले ही कोविड-19 के दो टीकों के इस्तेमाल की मंजूरी दे चुका है और देश में जल्द ही दो और टीकों को टीकाकरण अभियान में शामिल किया जा सकता है।

रेलवे

सीतारमण ने रेल विभाग के लिए रिकार्ड एक लाख 10 हजार 55 करोड़ रुपए का प्रस्ताव किया है, जिसमें एक लाख सात हजार 100 करोड़ रुपए बुनियादी ढ़ांचे पर व्यय होंगे। उन्होंने कहा कि दिसंबर 2023 तक देश में सभी ब्राड गेज रेललाइनों का विद्युतीकरण हो जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने के लिए सरकार के 27.1 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत पैकेज से संरचनात्मक सुधारों को बढ़ावा मिला है।

पेट्रोल और डीजल पर एग्री सेस

मोदी सरकार ने पेट्रोल पर 2.5 रुपए और डीजल पर 4 रुपए एग्री सेस का प्रस्ताव रखा है। साथ ही इंश्योरेंस सेक्टर में एफडीआई की लिमिट 49% से बढ़ाकर 74% कर दी गई है।

किसानों के लिए खोला खजाना 

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में आज किसानों के लिए खजाने का मुंह खोलने की घोषणा की। वित्तवर्ष  2021-22 में किसानों के लिए 16 लाख 50 हजार करोड़ रुपये की साख सुविधा देने की घोषणा करते हुए वित्तमंत्री ने कहा कि खेती के साथ-साथ पशुपालन और मतस्य पालन के बजट में भी भारी वृद्धि की गई है।

न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के प्रति किसानों के मन में उपजी शंकाओं को संबोधित करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि चालू खरीफ फसल की सरकारी खरीददारी अब तक सबसे अधिक 1,72,752 करोड़़ रुपये की होने की संभावना है। उन्होंने कांग्रेस समेत तमाम उन विपक्षी नेताओं को आईना भी दिखाया कि उनके शासन काल में किस तरह नाम मात्र की एमएसपी मूल्य पर खरीददारी होती है।

वित्तमंत्री ने फिर दोहराया कि लागत के डेढ़ गुणा अधिक मूल्य पर सरकारी खरीददारी होती रहेगी। उन्होंने आकड़े देकर स्पष्ट किया कि किस तरह यूपीए के शासनकाल में एमएसपी पर खरीददारी कितनी कम होती थी। बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2013-14 के दौरान गेहूं की सरकारी खरीददारी केवल 33, 874 करोड़ रुपये की हुई थी, जबकि मोदी सरकार ने 2019-20 के दौरान 62,802 करोड़ रुपये की गेहूं की सरकारी खरीददारी की। वर्ष 2020-21 में गेहूं की सरकारी खरीददाारी 75,050 करोड़ रुपये के होने का अनुमान है।  इसी तरह 2013-14 में यूपीए सरकार ने खरीफ फसलों की एमएसपी पर खरीददारी केवल 63,928 करोड़ रुपये की की थी, जबकि 2019-20 में मोदी सरकार ने क1,41,930 करोड़ रुपये की की थी। अब 2020-21 में 1,72,752 करोड़ रुपये की होने की संभावना है।

वित्तमंत्री ने कहा कि दलहन की खरीददारी में भी मोदी सरकार का रिकार्ड यूपीए की सरकार के मुकाबले काफी अधिक अच्छा है। 2013-14 में यूपीए सरकार ने केवल 90 करोड़ रुपये के दलहन की सरकारी खरीददारी की थी, जबकि मोदी सरकार ने 2020-21 में 25,974 करोड़ रुपये की खरीददारी की। इससे साफ हो जाता है कि एमएसपी के प्रति मोदी सरकार कितनी गंभीर है।

टैक्स से जुड़े ऐलान

.वित्त मंत्री ने कहा कि आजादी की 75वीं सालगिरह पर हम 75 साल और उससे ज्यादा उम्र के सीनियर सिटीजंस को राहत देना चाहते हैं। उन्हें अब IT रिटर्न फाइल करने की जरूरत नहीं होगी।

.अभी टैक्स रिअसेसमेंट 6 साल और गंभीर मामलों में 10 साल बाद भी केस खोले जा सकते थे। अब इसे घटाकर 3 साल किया जा रहा है। गंभीर मामलों में जब एक साल में 50 लाख से ज्यादा की इनकम छिपाने की बात होगी, तभी 10 साल तक केस खोले जा सकेंगे। प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर ही इसकी मंजूरी देंगे।

.85 हजार करोड़ रुपए के टैक्स डिस्प्यूट हाल ही में खत्म हुए हैं। छोटे टैक्सपेयर्स के लिए डिस्प्यूट रिजॉल्यूशन कमेटी बनाई जाएगी। 50 लाख तक की इनकम और 10 लाख तक की विवादित इनकम वाले लोग इस कमेटी के पास जा सकेंगे। ये कमेटी फेसलेस होगी। नेशनल फेसलेस अपीलेट ट्रिब्यूनल भी बनेगा।

.अगर अभी टर्नओवर 1 करोड़ से ज्यादा हो जाता है तो टैक्स ऑडिट कराना होता है। 95% डिजिटल ट्रांजैक्शन करने वालों के लिए यह छूट बढ़ाकर पिछली बार 5 करोड़ टर्नओवर की गई थी। इसे बढ़ाकर अब 10 करोड़ किया जा रहा है।

.वित्त मंत्री ने कहा कि सभी के लिए घर हमारे लिए प्रायोरिटी है। होम लोन पर ब्याज में 1.5 लाख रुपए की कटौती का प्रावधान था। अब किफायती घर के लिए ब्याज में 1.5 लाख रुपए की एक्स्ट्रा छूट 31 मार्च 2022 तक मिलेगी।

इंश्योरेंस-बैंकिंग

.इंश्योरेंस एक्ट 1938 में बदलाव होंगे। इंश्योरेंस सेक्टर में एफडीआई को 49% से बढ़ाकर 74% किया जाएगा।

.आईडीबीआई के साथ-साथ दो बैंक और एक पब्लिक सेक्टर कंपनी में विनिवेश होगा। इसके लिए कानून में बदलाव होंगे। एलआईसी के लिए भी आईपीओ लाया जाएगा।

.सरकारी बैंकों में 20,000 करोड़ का निवेश किया जाएगा, बैंकों को एनपीए से छुटकारा दिलाने के लिए एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी और एसेट मैनेजमेंट कंपनी बनाई जाएगी।

एजुकेशन

.एनजीओ, राज्य सरकारों और प्राइवेट सेक्टर की मदद से 100 नए सैनिक स्कूलों की शुरुआत होगी।

.लद्दाख में हायर एजुकेशन के लिए लेह में सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनाई जाएगी।

.आदिवासी क्षेत्रों में 750 एकलव्य मॉडल स्कूलों में सुविधाओं का सुधार होगा।

.अनुसूचित जाति के 4 करोड़ बच्चों के लिए 6 साल में 35219 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

.आदिवासी बच्चों के लिए पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप भी लाई जाएगी।

हेल्थ

.कोरोना वैक्सीन पर 2021-22 में 35,000 करोड़ खर्च किए जाएंगे। जरूरत पड़ी तो और ज्यादा फंड दिया जाएगा।

.न्यूट्रिशन पर भी ध्यान दिया जाएगा। मिशन पोषण 2.0 शुरू किया जाएगा। वॉटर सप्लाई भी बढ़ाएंगे। 5 साल में 2.87 लाख करोड़ रुपए खर्च होंगे।

.शहरी इलाकों के लिए जल जीवन मिशन शुरू किया जाएगा। शहरी स्वच्छ भारत मिशन पर 1.48 लाख करोड़ 5 साल में खर्च होंगे।

.निमोकोक्कल वैक्सीनेशन देशभर में शुरू किया जाएगा। इससे 50 हजार बच्चों की हर साल जान बचाई जा सकेगी।

64,180 करोड़ रुपए के बजट के साथ प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना शुरू होगी। यह बजट नई बीमारियों के इलाज के लिए भी होगा।

.70 हजार गांवों के वेलनेस सेंटर्स को इससे मदद मिलेगी। 602 जिलों में क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल शुरू होंगे। नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल को मजबूत किया जाएगा।

.इंटीग्रेटेड हेल्थ इन्फॉर्मेशन पोर्टल शुरू किया जाएगा ताकि पब्लिक हेल्थ लैब्स को कनेक्ट कर सकें। 15 हेल्थ इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर्स शुरू किए जाएंगे। 9 बायो सेफ्टी लेवल 3 लैब शुरू होंगी।

इन्फ्रास्ट्रक्चर

.इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के लिए डेवलपमेंट फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट की जरूरत है। इसके लिए एक बिल लाया जाएगा। 20 हजार करोड़ रुपए इस पर खर्च होंगे ताकि 5 लाख करोड़ रुपए का लैंडिंग पोर्टफोलियो 3 साल में बनाया जा सके।

.पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर को मॉनेटाइज करने पर ध्यान दिया जाएगा। नेशनल मॉनेटाइजेशन पाइपलाइन लॉन्च होगी। इसका एक डैशबोर्ड बनेगा ताकि इस मामले में हो रही तरक्की को देखा जा सके।

.नेशनल हाईवेज अथॉरिटीज भी अंतरराष्ट्रीय निवेश आकर्षित करेंगी। रेलवे भी फ्रेट कॉरिडोर को मॉनेटाइज करेगी। आगे जो भी एयरपोर्ट बनेंगे, उनमें भी मॉनेटाइजेशन पर ध्यान दिया जाएगा।

व्हीकल स्क्रैपिंग

.वॉलंटरी व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी लाई जाएगी, ताकि पुरानी गाड़ियों को हटाया जा सके। इससे प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी।

.गाड़ियों का फिटनेस टेस्ट होगा। पर्सनल व्हीकल 20 साल बाद और कमर्शियल व्हीकल 15 साल बाद स्क्रैप किए जा सकेंगे।

कस्टम ड्यूटी

.400 पुरानी छूट का रिव्यू जाएगा। यह सलाह-मशविरे के जरिए होगा। इस साल 1 अक्टूबर से रिवाइज्ड कस्टम ड्यूटी स्ट्रक्चर शुरू होगा।

.आयरन एंड स्टील पर कस्टम ड्यूटी घटाई जा रही है ताकि मेटल रिसाइकलर्स को मदद मिल सके। कॉपर स्क्रैप में भी ड्यूटी हटाई जाएगी।

.गोल्ड एंड सिल्वर पर अभी 12.5% कस्टम ड्यूटी है। इसे रेशनलाइज किया जाएगा। ऑटो पार्ट्स पर 15% कस्टम ड्यूटी होगी।

.किसानों की मदद के लिए कॉटन पर 10%, कच्चे रेशम और रेशम सूत पर 15% कस्टम ड्यूटी होगी।

राजकोषीय घाटा कम करने का अनुमान

वित्त मंत्री ने कहा कि हमने लॉकडाउन खत्म होने के बाद सरकारी खर्च बढ़ाया है। 2020-21 में 30.42 लाख करोड़ रुपए के सरकारी खर्च का अनुमान था, जो बढ़कर 34.5 लाख करोड़ रुपए हो गया। 2020-21 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 9.5% है। इसकी भरपाई के लिए हमें 80 हजार करोड़ रुपए और चाहिए। इसके लिए हमें बाजार से उम्मीद है। 2021-22 में 34.83 लाख करोड़ रुपए के सरकारी खर्च का अनुमान है। 2021-22 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 6.8% रहने का अनुमान है। 2025-26 तक इसे घटाकर 4.5% करना चाहते हैं। कंटीजेंसी फंड को 500 करोड़ से बढ़ाकर 30 हजार करोड़ रुपए करने का प्रावधान है।

पहली बार पेपरलेस बजट

यह पहला मौका है जब बजट के पेपर प्रिंट नहीं हुए। पहले वित्त मंत्रालय की प्रेस में बजट डॉक्यूमेंट्स प्रिंट होते थे। करीब 100 कर्मचारी इससे जुड़े होते थे जो बजट डॉक्यूमेंट प्रिंट होने, सील होने और बजट के दिन डिलीवर किए जाने तक करीब 15 दिन साथ रहते थे।

इस दौरान ये लोग घर भी नहीं जा सकते हैं। इनके पास न तो इंटरनेट की सुविधा होती है, न ही मोबाइल फोन होता है। इस साल कोरोना के चलते बजट की सॉफ्ट कॉपी साझा की गई। शुक्रवार को सभी सांसदों को इकोनॉमिक सर्वे की भी सॉफ्ट कॉपी दी गई।

पहली बार बजट का मोबाइल ऐप

बजट के लिए यूनियन बजट नाम का मोबाइल ऐप लॉन्च किया गया। वित्त मंत्रालय ने 6 जनवरी को ये ऐप लॉन्च किया। इस ऐप पर वित्त मंत्री के भाषण के बाद बजट से जुड़े 14 डॉक्यूमेंट सांसदों और आम लोगों के लिए मौजूद हैं।

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