नई दिल्ली : पुनीत कृष्णा। प्रदेश में कोरोना के तेजी से प्रसार के मद्देनजर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसकी जांच के कार्य को पूरी क्षमता से संचालित करने के निर्देश दिए हैं। 

उन्होंने कहा है कि प्रदेश में प्रतिदिन 85 हजार से अधिक रैपिड एन्टीजन टेस्ट तथा 45 हजार से अधिक आरटीपीसीआर टेस्ट अवश्य किए जाएं। इसके अतिरिक्त, ट्रूनैट मशीन के माध्यम से भी अधिक से अधिक टेस्ट किए जाएं।

मुख्यमंत्री मंगलवार को यहां अपने सरकारी आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक में अनलाॅक व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने जनपद कानपुर नगर, लखनऊ, गोरखपुर, प्रयागराज, वाराणसी तथा बलिया में विशेष सतर्कता बरतने तथा अधिक से अधिक टेस्ट करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में कारगर रणनीति तैयार करते हुए उसका प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के नियंत्रण व उपचार सम्बन्धी विभिन्न गतिविधियों को सुचारु ढंग से संचालित करने में इंटीग्रेटेड कमाण्ड ऐण्ड कन्ट्रोल सेण्टर्स की महत्वपूर्ण भूमिका है। 

बेहतर सर्विलांस ही मृत्यदर को नियंत्रित कर सकता है। इसलिए सभी जनपदों में इंटीग्रेटेड कमाण्ड ऐण्ड कन्ट्रोल सेण्टर के कार्यों की नियमित माॅनिटरिंग की जाए।

मुख्यमंत्री ने कोविड चिकित्सालयों में बेड की संख्या में वृद्धि करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोविड अस्पतालों की चिकित्सा सुविधाओं को गुणवत्तापरक बनाए रखा जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि चिकित्सक व नर्सिंग स्टाफ नियमित राउण्ड लें। 

चिकित्सा के तकनीकी स्टाफ में आवश्यकतानुसार वृद्धि की जाए। उन्होंने चिकित्सा कर्मियों को मेडिकल संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए इनके प्रशिक्षण कार्य को निरन्तर जारी रखने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार की ऑनलाइन ओपीडी सेवा ‘ई-संजीवनी’ अत्यन्त उपयोगी सिद्ध हो रही है। बड़ी संख्या में मरीज इस सुविधा का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। 

उन्होंने निर्देश दिए कि ‘ई-संजीवनी’ सेवा का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि अधिक से अधिक लोग इस ऑनलाइन ओपीडी सेवा का लाभ प्राप्त कर सकें। उन्होंने डोर-टू-डोर सर्वे कार्य में तेजी लाने के निर्देश देते हुए कहा कि इस कार्य में आवश्यकतानुसार अतिरिक्त टीमें लगाई जाएं।
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