आप ये तो जानते होंगे की किसी भी स्त्री के पैरों की सुंदरता में पायल और बिछिया चार चांद लगा देती है। स्त्रियों के सोलह श्रृंगार में पायल का भी महत्वपूर्ण स्थान है। हो सकता है की पायल पहनने से मिलने वाले लाभों से आप अनजान हो पर यह पोस्ट पढ़कर आप बहुत फायदे जाने जायेंगे ।
पायल पहनने के पीछे एक वजह यह है कि प्राचीन काल में महिलाओं को पायल एक विशेष संकेत के लिए पहनाई जाती थी। प्राचीन समय से ही हर स्त्री के लिए पायल पहनना अनिवार्य परंपरा के रूप में प्रचलित है। घर में स्त्री
जब कोई महिला या लड़की पायल पहन कर चलती है वातावरण में मधुर संगीत से पवित्रता बढ़ जाती है। यह आवाज घर में नकारात्मक शक्तियों का असर कम कर देती है।
पायल पहनने से स्त्रियों को कई स्वास्थ्य लाभ भी प्राप्त होते हैं। चांदी से बनी पायल विशेष स्वास्थ्य लाभ पहुंचाती है। पर महिलायों को अच्छे स्वास्थ्य के लिए कभी भी सोने के आभूषण पैरो में नही पहनने चाहिए।
कैसे फायदा देती है पायल :
पायल जिस धातु से निर्मित है वो स्वतंत्र होने के कारण हमेशा पैरों की त्वचा से रगड़ करती रहती है जो स्त्रियों के स्वास्थ्य और हड्डियों के लिए काफ़ी फ़ायदेमंद है। इससे उनके पैरों की हड्डी को मज़बूती मिलती है। इससे कई बीमारियों में उन्हें लाभ प्राप्त होता है जैसे पीरियड्स के दौरान तकलीफ, इंफर्टिलिटी और हार्मोंस इम्बैलेंस और गाइनोलॉजिकल डिस्ऑर्डर।
ऊपर सोना नीचे चांदी :
कमर के ऊपर के अंगों में सोने के गहने और कमर से नीचे के अंग में चांदी के आभूषण पहनने चाहिए। यह नियम शरीर में गर्मी और शीतलता का संतुलन बनाये रखता है। यदि यह नियम आप पालन नही करेंगे तो अस्वस्थ हो सकते है।
पायल पहने के फायदे :
*वास्तु शास्त्र के अनुसार पायल से निकलने वाली आवाज से वास्तु दोषों में कमी आती है। यह घर से नकारात्मक उर्जा को दूर कर पॉजिटिव एनर्जी बढाता है।
* यदि महिलायों के पीरियड्स के दौरान प्रॉब्लम्स ज्यादा आती है उन्हें जरुर चांदी की पायल पहननी चाहिए। इससे उन्हें दर्द में राहत मिलेगी।
* विज्ञान की माने तो इंफर्टिलिटी और हार्मोंस इम्बैलेंस की परेशानियां भी पजेम पहनने से दूर हो जाती है।
* इसे पहनना रुधिर के सुचारू संचालन में भी सहायक है।
* महिलाओं में गाइनोलॉजिकल डिस्ऑर्डर में सुधार की संभावना को बढाता है।
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