जयपुर : बृजेश श्रीवास्तव। उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद जी की 145 वीं जयंती के अवसर पर जयपुर में दुर्गापुरा स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के सियाम ऑडिटोरियम में मुंशी प्रेमचंद साहित्य रत्न सम्मान 2025 का आयोजन किया गया। इसमें देश भर से 23 राज्यों से साहित्यकारों ने भाग लिया।
कार्यक्रम संयोजक व अभाकाम संस्था के महासचिव डॉ अरुण कुमार सक्सेना ने बताया कि मुंशी प्रेमचंद साहित्य रत्न प्रतियोगिता 2025 का आयोजन 26 मई 2025 से 29 जून 2025 तक किया गया था। इसमें देशभर से सभी धर्मों व समुदाय के साहित्यकारों द्वारा भाग लिया जाता है। इस वर्ष प्रतियोगिता में 317 साहित्यकारों ने भाग लिया था। इस बार देशभर से 151 साहित्यकारों का पांच श्रेणियों में चयन किया गया था और पिछले साल 15 नगद पुरस्कारों के मुकाबले इस साल 57 नगद पुरस्कार दिए गए। उन्होंने बताया कि उक्त नगद पुरस्कार राशि कार्यक्रम के भामाशाहों द्वारा दी जाती है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे संस्था अध्यक्ष अजीत सक्सेना ने कहा कि मुंशी प्रेमचंद साहित्य रत्न सम्मान विगत तीन वर्षों से आयोजित किया जा रहा है। पिछले साल नगद पुरस्कार राशि 1,23,303 रूपये थी, जिसे इस साल बढ़ाकर कुल 1,48,357 रूपये की पुरस्कार राशि दी गई। उन्होंने बताया कि इस बार 1,101 रूपये के 18 पुरस्कार व 501 रूपये के 24 नगद पुरस्कार इस वर्ष ज्यादा दिए गए हैं।
कार्यक्रम के सहसंयोजक कोषाध्यक्ष रवि माथुर ने बताया कि इस वर्ष कविता -1 श्रेणी में नागपुर महाराष्ट्र की माधवी श्रीवास्तव को , कविता - 2 में जयपुर के जगदीश मोहन रावत, कहानी में औरंगाबाद के मनोज खरे, समीक्षा नमक का दरोगा में प्रयागराज उत्तर प्रदेश से डॉ कल्पना वर्मा व समीक्षा गोदान में पटना बिहार से डॉ अशोक कुमार शर्मा को प्रथम पुरस्कार मिला। सभी विजेता साहित्यकारों को शॉल दुपट्टा ओढाकर व प्रतीक चिन्ह, प्रमाणपत्र व नगद राशि का चेक देकर संस्था अध्यक्ष अजीत सक्सेना, भामाशाहों रतन सक्सेना, धर्मेंद्र कमठान, राधेगोविंद माथुर आदि ने सम्मानित किया।
कार्यक्रम में लगभग 100 से अधिक साहित्यकारों, भामाशाहों व विशिष्ट अतिथियों को सम्मानित किया गया।



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