वृंदावन में स्थित राधा दामोदर मंदिर वृंदावन के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। इसे वृंदावन के सात महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक माना जाता है। राधा दामोदर वेदी का सबसे अनोखा पहलू 'गोवर्धन शिला' है, जिसे भगवान कृष्ण ने सनातन गोस्वामी को दिया था। सनातन गोस्वामी के बड़े भाई श्रील रूप गोस्वामी प्रतिदिन बिना चूके 'गोवर्धन परिक्रमा' किया करते थे। उनकी भक्ति से अभिभूत होकर भगवान कृष्ण ने बालक का वेश धारण कर उनसे भेंट की और उन्हें अपनी परिक्रमा रोकने का निर्देश दिया। तब भगवान ने एक 'गिरिराज शिला' ली, उस पर खड़े हुए और अपनी बांसुरी बजाना शुरू कर दिया। उनकी मधुर धुनों से शिला पिघलने लगी और भगवान ने सनातन गोस्वामी से कहा कि आज से यदि आप इस शिला की पूजा और परिक्रमा करेंगे, तो यह गिरिराज या गोवर्धन परिक्रमा पूरी करने के समान है।
आज भी यह माना जाता है कि राधा दामोदर मंदिर की चार परिक्रमाएं गोवर्धन पर्वत की एक परिक्रमा के बराबर होती हैं। वृंदावन में श्री राधा दामोदर मंदिर वृंदावन में सबसे अधिक देखा जाने वाला मंदिर है क्योंकि यह सुंदरता, भक्ति और सेवाओं के कारण दुनिया भर से पर्यटकों को आकर्षित करता है।
(फोटो साभार : हर्षल)


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