ग़ाज़ियाबाद। इंदिरापुरम में नगरनिगम के 7 वार्डों में भाजपा के हज़ारों कार्यकर्ता टिकट फाइनल होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। ज्ञात है कि वर्तमान में सभी 7 वार्डों में भाजपा के ही पार्षद थे। ज़मीनी स्तर पे जनता में सीवर, पानी, पार्कों की बदहाली आदि समस्याओं को लेकर जबरदस्त असंतुष्टि देखने को मिली। यहाँ तक कि भाजपा के ज़्यादातर कार्यकर्ताओं का भी यही कहना है कि अपने पार्षद होते हुए भी जनता के हित में काम ठीक से नहीं किया गया। यहाँ तक कि इंदिरापुरम मण्डल के कार्यकर्ता स्वयं 22 दिनों तक लगातार स्वर्णजयंती पार्क में झाड़ू लगाते रहे पर नतीजा ढाक के तीन पात ही रहा।

अब सभी को उम्मीद है कि मोदी योगी के नाम पर इस बार पुनः भाजपा के टिकट पर सातों सीटों पर भाजपा का ही पार्षद बनेगा और इंदिरापुरम का कायाकल्प होगा।

ऐसे में कार्यकर्ताओं को उम्मीद है पिछले कई वर्षों से जिन भाजपा कार्यकर्ताओं ने ज़मीनी स्तर पे जनता के बीच में जाकर काम किया है, पार्टी उनको ही टिकट देगी। हालांकि संगठन सर्वोपरि मानने वाले भाजपा कार्यकर्ता पार्टी का जो भी निर्णय होगा उसको स्वीकार करने की बात कह रहे हैं। पर सभी का स्पष्ट मानना है कि थोपा हुआ पैराशूट प्रत्याशी अथवा जिन्होंने कभी वार्ड में कार्य ही ना किया हो, कभी बैठकों में भाग ही ना लिया हो। ऐसे थोपे हुए प्रत्याशी को बिल्कुल स्वीकार नहीं करेंगे।

कार्यकर्ताओं का स्पष्ट मानना है कि प्रत्येक वार्ड में कार्यकर्ताओं ने ज़मीनी स्तर पे तन मन धन से कार्य किया है। और ये सारी जानकारी मण्डल अध्यक्ष से लेकर महानगर अध्यक्ष को है। तो ऐसे में जिस कार्यकर्ता ने क्षेत्र में सच में मेहनत की है, टिकट भी उन्हीं कार्यकर्ताओं में से किसी एक को मिलना चाहिए। फिर सभी भाजपा कार्यकर्ता उसको विजयी बनाने के लिए कृत संकल्प हैं। पर यदि पैराशूट कार्यकर्ता या काम नहीं किये हुए कार्यकर्ता को सिफारिश के दम पे ऊपर से थोपा गया तो उसे किसी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जायेगा। ऐसे में भाजपा के चुनावी समीकरण बिगड़ भी सकते हैं। 

यही कारण है कि पार्टी के बड़े नेता जल्दबाजी में नाम फाइनल ना करके सभी से विचार विमर्श करके जिताऊ प्रत्याशी का नाम फाइनल करने के लिए मंथन कर रहे हैं।

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