यूपी सरकार ने यातायात नियमों के पालन को लेकर पिछले दिनों जुर्माना राशि बढ़ाने का जो फैसला लिया था उसकी गुरुवार को अधिसूचना जारी कर दी गई है। इसके साथ ही अब बिना वैध लाइसेंस के वाहन चलाने पर पांच हजार और बगैर हेलमेट दोपहिया वाहन व सीट बेल्ट लगाए बिना चौपहिया वाहन चलाने पर एक हजार रुपाए भुगतने पड़ेंगे।
पहले यह जुर्माना पांच सौ रुपये था। अधिसूचना जारी होने पर अब जो मोबाइल से बात करते हुए पकड़ा जाएगा उसे पहली बार में एक हजार रुपये दोबारा पकड़े जाने पर दस गुना यानि दस हजार रुपये का चालान भरना होगा।
अधिसूचना प्रमुख सचिव परिवहन राजेश कुमार सिंह की ओर से जारी की गई है। इसमें गलत पार्किंग पर पहली बार 500 रुपये व दूसरी बार में 1500 रुपये जुर्माना तय हुआ है। जबकि वाहन को गलत ढंग से मॉडिफाई कराकर बेचने पर एक लाख रुपये जुर्माना लगाया गया है।
बिना बीमा कराए वाहन चलाने पर पहली बार में पकड़े जाने पर दो हजार तो दूसरी बार में चार हजार रुपये जुर्माना देना होगा। सरकार की अनुमति के बगैर रेस में भाग लेने पर दस हजार जुर्माना होगा।
निलंबित या बगैर रजिस्टरशेन के वाहन चलाने वालों को पहली बार में पांच हजार रुपये और दूसरी बार में दस हजार रुपये जुर्माना देना होगा।
शांत क्षेत्र में हार्न प्रयोग करने पर पहली बार एक हजार रुपये व दूसरी बार में दो हजार जुर्माना लगेगा।
फायर ब्रिगेड या एंबुलेंस को रास्ता न देने पर दस हजार रुपये का जुर्माना भुगतना होगा। ऐसे ही अगर वाहन स्वामी अपने वाहन को मॉडिफाई कराएगा तो उस पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगेगा।
गलत तथ्य बताया कर ड्राइविंग लाइसेस हासिल करने पर लगने वाले 2500 जुर्माने को बढ़ाकर दस हजार रुपये कर दिया गया है।
इसके साथ अधिकारी की बात न मानने या उसके काम में बाधा डालने पर लगने वाले एक हजार रुपये के जुर्माने के बजाय दो हजार रुपये देने होंगे।
फर्जी दस्तावेज बनाकर वाहन बेचने पर प्रति वाहन एक लाख रुपये जुर्माना देना होगा। तय गति सीमा से तेज रफ्तार में कार चलाने पर दो हजार रुपये और यात्री व माल वाहन के लिए चार हजार रुपए जुर्माना भरना होगा।
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