नई दिल्ली : पुनीत माथुर। जहाँ एक ओर पटाखों के पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव को देखते हुए कई राज्यों ने उनकी बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है, वहीं ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु ने पटाखों पर लगे प्रतिबंध का विरोध किया है और बड़ों को एक सुझाव भी दिया है।
सद्गुरु ने व्यस्कों से आग्रह किया है कि वह अपने हिस्से के पटाखे ना जलाएं ताकि सभी बच्चे दिवाली की खुशी का अनुभव कर सकें। आध्यात्मिक गुरु ने देश को दिवाली की बधाई दी और पटाखे फोड़ने की आवश्यकता पर एक वीडियो मैसेज साझा किया।
वीडियो में सद्गुरु ने कहा, "वायु प्रदूषण के बारे में चिंता बच्चों को पटाखों की खुशी का अनुभव करने से रोकने का कारण नहीं हो सकता है। उनके लिए अपने त्याग के रूप में 3 दिनों के लिए अपने ऑफिस बिना गाड़ी के जाएं। उन्हें पटाखे फोड़ने का मजा लेने दें।
उन्होंने वीडियो में कहा,"मैंने काफी सालों में पटाखे नहीं जलाए हैं, लेकिन एक बच्चे के रूप में पटाखे फोड़ना मेरे लिए बहुत मायने रखता था। सितंबर के महीने से हम पटाखों का सपना देख रहे होते थे और उनमें से कुछ पटाखे हम त्योहार के बाद फोड़ने के लिए बचाते थे।"
सद्गुरु ने कहा, "जो लोग अचानक 'पर्यावरण की दृष्टि से सक्रिय' हो जाते हैं वह ये ना कहें कि 'किसी बच्चे को पटाखे नहीं जलाने चाहिए। संकट के समय में, जो आपको अंधेरे में डाल सकता है, आनंद, प्रेम और चेतना में प्रकाश देना महत्वपूर्ण है। इस दिवाली अपनी मानवता को उसके पूर्ण गौरव से रोशन करें। प्यार और आशीर्वाद।"
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