रांची : बृजेश श्रीवास्तव। 28 मई, रविवार के दिन भारत के नए संसद भवन का उदघाटन होना ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी अत्यंत शुभ प्रतीत हो रहा है। निश्चित रूप से भारत और शक्तिशाली रूप में उभर कर आएगा।

प्रख्यात ज्योतिषी एवं धर्मगुरु स्वामी दिव्यानंद जी महाराज ने बताया कि विक्रम संवत 2080, ज्येष्ठ मास, कृष्ण पक्ष, अष्टमी तिथि और पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में संसद भवन के उदघाटन का सारा कार्यक्रम संपन्न होना बहुत ही शुभ संकेत दे रहा है। 28 तारीख को कई प्रकार के शुभ योग का संयोग बन रहा है। जैसे हर्षण योग, वज्र योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग और यायिजय योग इन पांच योगों का संयोग इस दिन की शुभता बढ़ा रहा है। 

सारे दिन के कार्यक्रम में जो सबसे मुख्य कार्यक्रम संसद भवन का उदघाटन, जो कि दिन के लगभग 12:00 बजे के आसपास होना सुनिश्चित हुआ है। इस समय अभिजीत मुहूर्त है, जैसा कि सभी जानते हैं।

स्वामी जी ने बताया कि अभिजीत मुहूर्त में किया गया कोई भी कार्य का फल शुभ ही होता है। 

यदि पंचांग में कोई कमियां रह भी जाती हैं तो स्वतः यह दोष कटित हो जाता है। साथ ही इस समय सिंह लग्न और सिंह राशि चल रहा है। सिंह राशि को स्थिर लग्न एवं सबसे मजबूत एवं शुभ मुहूर्त माना जाता है। स्थिर लग्न में किया गया अनुष्ठान चिरकाल पर्यंत स्थिरता प्रदान करता है।

स्वामी जी ने यह भी बताया कि पुराना संसद भवन गोल आकृति का बना हुआ है। जबकि नया भवन त्रिकोण आकृति का है। ज्योतिष्य दृष्टिकोण से त्रिकोण आकार मंगल का द्योतक है। मंगल गृह मंडलों में सेनापति माने गए हैं। यहां पर सेनापति का अर्थ शौर्य पराक्रम से है। संसद भवन पूरे राष्ट्र का केंद्र होता है। राष्ट्र का केंद्र बिंदू यानी हमारा संसद भवन यदि शौर्य और पराक्रम से लैस होगा तो निश्चित रूप से राष्ट्र और मजबूत तथा दूसरों पर भारी पड़ने वाला होगा।

अतः भारत वर्ष दुनिया में एक नए और शक्तिशाली देश के रूप में उभर कर आने वाला है।

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