गाजियाबाद : पुनीत माथुर।  शिक्षक दिवस को प्रेरणा दिवस के रुप में मनाया गया । इस अवसर पर विश्व ब्राह्मण संघ के राष्ट्रीय प्रवक्ता बी के शर्मा हनुमान के प्रति आस्था रखने वाले कुमार देवाशीष ओझा व संजय शुक्ला ने आरडीसी कार्यालय पर पहुंचकर बी के शर्मा हनुमान का पुष्प गुच्छ, अंग वस्त्र व मुकुट पहनाक  विधिवत सम्मान किया।  

इस अवसर पर बी के शर्मा हनुमान ने कहा कि, "गुरु - शिष्य परंपरा हमारे देश में सदियों से चली आ रही है। इस परंपरा के अंतर्गत गुरु अपने शिष्य को शिक्षा प्रेरणा देता है। गु शब्द का अर्थ अंधकार (अज्ञान) होता है और रु शब्द का अर्थ प्रकाश (ज्ञान) होता है। इस प्रकार जो अज्ञान का अंधकार मिटा कर ज्ञान का प्रकाश फैलाते हैं वही गुरु कहलाते हैं। गुरु का हमारे जीवन में बहुत ही बड़ा महत्व है जो की सर्वविदित है।


शिक्षक ईश्वर का दिया हुआ वह उपहार है जो हमेशा बिना किसी स्वार्थ के भेदभाव रहित स्वभाव से बच्चों को अच्छे बुरे का ज्ञान कराता है। माता-पिता के बाद शिक्षक ही होता है जो बच्चों को  सही रूप में ढ़ालने की नींव रखता है।"

उन्होंने कहा, "शिक्षक दिवस देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के अवसर पर 5 सितंबर 1962 से शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन सभी स्कूल और संस्थानों में बच्चे और युवा किसी उत्सव के रूप में शिक्षक दिवस मनाते हैं। सभी बच्चों के माता-पिता बच्चों की उनकी जरूरतों को पूरा करने में सहायता करते हैं लेकिन शिक्षक उनके अंदर आत्मविश्वास बढ़ाने में और उनका भविष्य निखारने में उनकी मदद करते हैं। बिना गुरू के ज्ञान नहीं होता यह एक कहावत ही नहीं सच्चाई है।"

इस अवसर पर कुमार देवाशीष ओझा ने बताया कि बीके शर्मा हनुमान भी हमारे प्रेरणा रूपी शिक्षक स्वरूप हैं जिन्होंने हमें समाज में एकजुट करने का कार्य किया है और हमें हमेशा प्रेरणा दी है राष्ट्रवादी विचारधारा , सामाजिक कार्यों,व देशहित की और विशेषकर कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए जागरूक किया है जो प्रेरणा दें और सही मार्ग पर चलने की शिक्षा दें तो सही मायने में वही गुरु है आज हम हनुमान जी का सम्मान करते हुए अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।

इस अवसर पर पंडित देवेंद्र शर्मा ,कुमार देवासीश ओझा, संजय शुक्ला, रवि कुमार शर्मा, मनोज शर्मा, शिवकुमार शर्मा, श्यामलाल सरकार आदि मौजूद थे।
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