द्रौपदी को महाभारत में एक शक्तिशाली और महत्वपूर्ण चरित्र माना जाता है। द्रौपदी भगवान श्री कृष्ण की सखी थीं और कृष्ण ने हमेशा द्रौपदी को अपनी बहन मान कर उनकी रक्षा की। महाभारत युद्ध का एक मुख्य कारण द्रौपदी का कौरवों द्वारा अपमान था, और कृष्ण ने द्रौपदी को न्याय दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

हम सभी जानते हैं कि महाभारत में द्रौपदी का कौरवों द्वारा भरी सभा में अपमान किया गया था, जब दुशासन ने भरी सभा में द्रौपदी का चीर हरण करने की कोशिश की थी। उस समय द्रौपदी ने भगवान कृष्ण को याद किया और कृष्ण ने द्रौपदी की लाज बचाई।

कृष्ण ने द्रौपदी को न्याय दिलाने का वचन दिया और जब महाभारत का युद्ध हुआ तब श्री कृष्ण ने द्रोपदी के पति अर्जुन के रथ का संचालन किया और युद्ध में पांडवों को मार्गदर्शन दिया। 

द्रोपदी का एक नाम कृष्णा भी था क्योंकि कृष्ण और द्रौपदी में परस्पर कई समानताएं थीं जैसे कृष्ण की तरह वह भी सांवली और मोहक छवि वाली थीं । कृष्ण की तरह ही वो भी कोमल शरीर वाली थीं लेकिन आवश्यकता पड़ने पर कृष्ण की तरह उनका भी शरीर वज्र की तरह कठोर हो जाता था। 

आलेख : पुनीत माथुर ’परवाज़’

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