नई दिल्ली। किसनों के कृषि बिलों को लेकर जारी विरोध प्रदर्शन के बीच आज केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इस मुद्दे पर न्यूज एजेंसी एएनआई से बात की। इंटरव्यू में कृषि मंत्री ने विपक्ष पर कृषि विधेयकों को लेकर किसानों में गलत धारणा फैलाना का आरोप लगाया।
उन्होंने पूछा, विपक्ष ने घोषणापत्र में एपीएमसी कानून मे बदलाव करने की बात क्यों कही थी। आपको बता दें कि विपक्ष के भारी हंगामें के बावजूद कृषि संबंधित दो विधेयक लोकसभा और राज्यसभा से पास हो गए हैं।
कृषि विधेयकों को लेकर कई किसान संगठनों और विपक्षी दलों का विरोध प्रदर्शन जारी है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को साक्षात्कार में बताया कि कृषि अध्यादेश में किसानों के हितों के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। बिना कानून में बदलाव किए हम किसानों की उन्नति के बारे में नहीं सोच सकते हैं। इसलिए भारत सरकार ने दो अध्यादेश बनाए जिनको अब जारी कर दिया गया है।
इनमें से पहला कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020 है और दूसरा कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020 है।
कृषि मंत्री ने आगे कहा, किसानों को अपने अधिकारों के बारे में पता है। राजनेता और किसान नेता जो विशेषज्ञ बनते हैं, वो ऐसे हैं नहीं। किसान सब कुछ समझते हैं और जानते हैं कि उसकी उपज कौन खरीदेगा। व्यापारियों को उपज की खरीद करनी है, और जब मंडी में उत्पादन नहीं होगा, तो व्यापारियों को किसानों के दरवाजे तक जाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। इससे वह किसानों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध विकसित करेंगे और किसानों की उपज खरीदेंगे।
उन्होंने कहा, यदि कोई व्यापारी उस गांव के किसानों से मिलने जाएगा तो वहां किसान अपनी उपज बेचने के लिए एक स्थान पर इकट्ठा होंगे। किसानों से चर्चा करने के बाद व्यापारी खरीद की दर तय करेगा और खुद उसे लोड करा के अपने साथ लेकर जाएगा। इससे किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए कहीं भी जाने की जरूरत नहीं होगी। किसानों के हित के लिए संसद में जो अध्यादेश पारित किए गए हैं, उनका विरोध देखकर ऐसा लगता है कि विपक्ष किसानों के हितैषी नहीं हैं।
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